
नई दिल्ली। देश भर में मौसम की मार जारी है, जहां 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में भारी बारिश का कहर बरप रहा है। हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से भूस्खलन की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। मंडी जिले में एक दुखद घटना में, पहाड़ से गिरे पत्थर की चपेट में आकर एक युवक की मौत हो गई। इसके साथ ही, राज्य में दो राष्ट्रीय राजमार्गों समेत 128 सड़कों पर यातायात ठप हो गया है।
मंडी जिले में हुई घटना में नेपाल के मूल निवासी 25 वर्षीय शमशानी की मौत हो गई, जो बस का इंतजार कर रहा था। इस बीच, शिमला-किन्नौर नेशनल हाईवे 20 घंटे और चंडीगढ़-मंडी नेशनल हाईवे 13 घंटे तक बंद रहे, जिससे लोग रातभर वाहनों में ही फंसे रहे। भूस्खलन से राज्य में 44 बिजली ट्रांसफार्मर और 67 पेयजल योजनाएं भी ठप हो गईं।
हिमाचल में भूस्खलन से मरने वालों की संख्या 28 पहुंची
हिमाचल प्रदेश में 31 जुलाई को श्रीखंड महादेव की पहाड़ियों पर बादल फटने से आई बाढ़ में मरने वालों की संख्या 28 हो गई है। शुक्रवार को शिमला जिले में छह और शव बरामद किए गए, जबकि अभी भी 30 से अधिक लोग लापता हैं। राहत और बचाव अभियान जारी है।
अगले सात दिनों में 24 राज्यों में झमाझम बारिश की संभावना
मौसम विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए बताया है कि दक्षिण-पूर्व उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दक्षिण झारखंड और आसपास के इलाकों में चक्रवाती हवाओं का प्रवाह बना हुआ है, जिसके चलते अगले सात दिनों तक हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और मध्य प्रदेश समेत 24 राज्यों में मूसलाधार बारिश की संभावना है। इसके अलावा, गोवा, महाराष्ट्र, तेलंगाना, केरल, कर्नाटक और पूर्वोत्तर के राज्यों में भी भारी बारिश की संभावना है।
ओडिशा में बाढ़ का खतरा बढ़ा
ओडिशा में हीराकुंड बांध से पानी छोड़े जाने के बाद महानदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। इसे देखते हुए राज्य के विशेष राहत आयुक्त सत्यव्रत साहू ने 10 जिलों के कलेक्टरों को बाढ़ के खतरे को लेकर अलर्ट किया है। इनमें संबलपुर, सोनपुर, अंगुल, पुरी, कटक, जगतसिंहपुर और केंद्रपाड़ा जिले शामिल हैं। हीराकुंड बांध से 5.78 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिसके चलते निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
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