
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी समेत उत्तर पश्चिम भारत के कई राज्यों में मूसलाधार बारिश हो रही है। उत्तराखंड में भूस्खलन के कारण बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गया है। हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण मलबा गिरने से 64 सड़कें यातायात के लिए बंद हो गई हैं। हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान और पूर्वोत्तर के राज्यों में भी अत्यधिक बारिश हो रही है। असम में भीषण बाढ़ के चलते स्थिति गंभीर हो गई है और राज्य के 30 जिलों में 24.20 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग की ओर से उत्तर पश्चिम और पूर्वी भारत में अगले दो दिन में मूसलाधार बारिश की संभावना जताई है और 16 राज्यों को अलर्ट जारी किया है। बीते 24 घंटे के दौरान पूर्वी राजस्थान, गुजरात, असम और मेघालय में भरपूर बारिश हुई है। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पश्चिमी मध्य प्रदेश, हरियाणा, बिहार, मध्य महाराष्ट्र, कोंकण और गोवा में भी कुछ स्थानों पर भारी वर्षा दर्ज की गई।
उत्तराखंड और हिमाचल में भूस्खलन
उत्तराखंड के चमोली जिले में मलबा गिरने से बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर आवाजाही बंद हो गई है। गंगोत्री के देवगढ़ में भारी बारिश से गोमुख फुटपाथ पुल बह गया, जिससे 30-40 तीर्थयात्री फंस गए। एसडीआरएफ ने तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकाला। देहरादून और हरिद्वार में बारिश के पानी में डूबने से दो लोगों की मौत हो गई। हिमाचल प्रदेश में 64 सड़कें बंद हो गई हैं और 236 ट्रांसफॉर्मर खराब हो गए हैं, जिससे बिजली आपूर्ति बाधित हुई है।
असम में बाढ़ का कहर
असम में ब्रह्मपुत्र समेत सभी नदियां उफान पर हैं और राज्य के 30 जिलों में 24.20 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। अब तक 64 लोगों की जान जाने की खबर है और कई लोग लापता हैं। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने डिब्रूगढ़ में बाढ़ की समीक्षा के बाद राज्य की स्थिति को बहुत गंभीर बताया।
बचाव नौका पर महिला ने दिया बच्ची को जन्म
मोरीगांव जिले में एक महिला ने बचाव नौका पर ही बच्ची को जन्म दिया। प्रसव पीड़ा की सूचना पर मेडिकल टीम नाव से जहांआरा बेगम को स्वास्थ्य केंद्र ले जा रही थी, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसने बच्ची को जन्म दिया। बाद में महिला और नवजात बच्ची को झारगांव स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया।
काजीरंगा में वन्यजीवों की मौत
असम के काजीरंगा नेशनल पार्क में बाढ़ से अब तक 77 वन्यजीवों की मौत हो चुकी है, जिसमें अधिकतर हिरण शामिल हैं। 94 अन्य जानवरों को बाढ़ के पानी से सुरक्षित निकाला गया है। पार्क के कुल 233 वन्यजीव शिविरों में से 75 अभी भी पानी में डूबे हुए हैं।
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