Ad image

राहुल गांधी की मांग: जनसंख्या के अनुसार बनाई जाए सरकारी नीतियां, 70% आबादी हो रही अनदेखी

News Desk
2 Min Read
राहुल गांधी की मांग: जनसंख्या के अनुसार बनाई जाए सरकारी नीतियां, 70% आबादी हो रही अनदेखी

लखनऊ। प्रयागराज में आयोजित एक महत्वपूर्ण समारोह के दौरान, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को जनसंख्या के आधार पर नीतियां बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि देश की वास्तविकता यह है कि नीतियों का निर्माण आबादी के हिसाब से होना चाहिए, ताकि हर वर्ग को उसका हक मिल सके। यदि ऐसा नहीं होता, तो नीतियां केवल कुछ चुनिंदा लोगों के लाभ के लिए बनाई जाती रहेंगी, जिसका बहुसंख्यक वर्ग को कोई फायदा नहीं होगा।

राहुल गांधी ने इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन (एएमए) के कन्वेंशन सेंटर में ‘संविधान सम्मान सम्मेलन’ में बोलते हुए कहा, “भारत की 70% आबादी की उपेक्षा की जा रही है, और सरकार की नीतियां केवल 30% लोगों के लिए बनाई जा रही हैं।” उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि देश की आधी आबादी OBC वर्ग से आती है, जबकि 15% दलित और 8% आदिवासी हैं, जो कुल मिलाकर 73% होता है। इन आंकड़ों को देखते हुए, उन्होंने केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाया और कहा कि यदि इन वर्गों की जनसंख्या के अनुसार नीतियां नहीं बनाई जातीं, तो यह संविधान के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन है, जो सभी नागरिकों को समान अधिकार देता है।

राहुल गांधी ने स्पष्ट किया कि जाति जनगणना केवल ओबीसी वर्ग तक सीमित नहीं होनी चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि देश में सभी जातियों की जनगणना होनी चाहिए, ताकि नीतियों के निर्माण में सभी की भागीदारी सुनिश्चित हो सके। उनके अनुसार, यह केवल जनगणना नहीं, बल्कि नीति निर्माण की नींव है, जो सामाजिक और आर्थिक न्याय को बढ़ावा देगी।

कार्यक्रम स्थल पर अव्यवस्था का माहौल भी देखने को मिला। एएमए हाल में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे, लेकिन भारी भीड़ के कारण अव्यवस्था फैल गई। धक्का-मुक्की के चलते मेटल डिटेक्टर टूट गया और लोगों को जमीन पर बैठना पड़ा। इस दौरान पुलिस और आयोजकों के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई।

यह भी पढ़ें:

Share This Article
Follow:
Welcome to The News Break! हम दुनिया भर से नवीनतम सुर्खियों, ब्रेकिंग न्यूज और गहन विश्लेषण के लिए आपके जाने-माने स्रोत हैं। हमारा मिशन आपको सबसे महत्वपूर्ण कहानियों से अवगत, संलग्न और जुड़े रखना है।
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version