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चिंताजनक: 11 राज्यों में फैला लेप्टोस्पाइरता संक्रमण, गर्मी में बढ़ा खतरा, डीजी हेल्थ ने जारी किया अलर्ट

News Desk
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लेप्टोस्पाइरता संक्रमण

नई दिल्ली| इंसानों के लिए जानलेवा लेप्टोस्पाइरता संक्रमण को लेकर केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को अलर्ट जारी किया है। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. अतुल गर्ग ने बताया है कि अत्यधिक गर्मी और बारिश का मौसम इस जीवाणु रोग के लिए सबसे अनुकूल होता है। संक्रमित जानवरों से इंसानों में फैलने वाली इस बीमारी से किडनी और लिवर को गंभीर क्षति हो सकती है, जिससे मरीज की मृत्यु दर का जोखिम कई गुना बढ़ जाता है।

11 राज्यों में सबसे ज्यादा प्रभावित

स्वास्थ्य महानिदेशालय के अनुसार, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश और केरल सहित करीब 11 राज्य इस संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। 2009 से 2023 के बीच लेप्टोस्पाइरता संक्रमण के मामलों में 30 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यह जीवाणु जानवरों को अपना शिकार बनाता है, इसलिए पालतू जानवरों के टीकाकरण की सख्त सलाह दी जाती है। प्रत्येक जिले में स्वास्थ्य टीमों को सतर्क रहना भी अत्यावश्यक है, क्योंकि मरीज की समय पर जांच न होने से यह बीमारी जानलेवा साबित हो सकती है।

एनसीडीसी की जानकारी

नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के अनुसार, लेप्टोस्पाइरता संक्रमण लेप्टोस्पाइरा नामक कॉर्कस्क्रू-आकार के बैक्टीरिया से फैलता है। इसे फील्ड फीवर, रैट काउचर्स यलो और प्रटेबियल बुखार भी कहते हैं। यह रोग संक्रमित जानवरों के मल-मूत्र से मैले हुए पानी, मिट्टी, या भोजन के सीधे संपर्क में आने से हो सकता है। खासतौर पर गर्म मौसम वाली जगहों पर यह रोग आम है।

लक्षण और बचाव

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तेज बुखार, सिर दर्द, रक्तस्राव, मांसपेशियों में दर्द, ठंड लगना, लाल आंखें और उल्टी इसके प्रमुख लक्षण हैं। अस्पतालों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। राज्यों को निर्देशित किया गया है कि जिन इलाकों में यह संक्रमण फैला है, वहां का दौरा करते समय स्वास्थ्य टीमें विशेष सावधानी बरतें। पानी और मिट्टी में जीवाणु होने की संभावना रहती है, इसलिए पानी का सेवन और नहाते समय सतर्कता आवश्यक है।

प्रभावित जिलों के लिए तत्काल योजना

डॉ. अतुल गर्ग ने सभी जिला सर्विलांस यूनिट को सतर्क करने और प्रभावित जिलों के लिए तत्काल योजना बनाने का निर्देश दिया है। स्थानीय लोगों, अस्पताल और स्वास्थ्य टीमों को समय पर सूचित किया जाए। अस्पतालों में जांच किट और एंटीबायोटिक दवाओं के पर्याप्त भंडारण की जानकारी भी सुनिश्चित की जाए। फ्रंटलाइन वर्करों का संक्रमण से बचाव अत्यंत आवश्यक है।

सरकार का अलर्ट

इस बढ़ते खतरे के मद्देनजर सरकार ने स्पष्ट किया है कि लेप्टोस्पाइरता संक्रमण को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए। प्रभावित क्षेत्रों में जल निकासी प्रणाली को प्रभावी बनाने के लिए नगर निकाय और इंजीनियरिंग विभागों के साथ मिलकर कार्य करने की भी सलाह दी गई है।

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