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वायनाड में भूस्खलन का कहर: मलबे में फंसे सैकड़ों लोग, बोले- ‘कोई तो आओ…’

News Desk
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वायनाड में भूस्खलन का कहर: मलबे में फंसे सैकड़ों लोग, बोले- 'कोई तो आओ...'

देश के कई राज्यों में मूसलाधार बारिश के कारण बाढ़ और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है। इस बार केरल के वायनाड जिले में मेप्पाडी के पास भारी भूस्खलन हुआ है, जिसमें सैकड़ों लोग फंस गए हैं। अब तक इस हादसे में 50 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। भूस्खलन के कारण कई घर मलबे में दब गए हैं और लोग फोन पर मदद की गुहार लगा रहे हैं।

तबाही के बीच फंसे लोग

टीवी चैनलों पर कई लोगों की फोन पर बातचीत प्रसारित की गई, जिनमें लोग रोते हुए मदद मांग रहे थे। एक महिला ने फूट-फूटकर रोते हुए बताया कि उसका एक परिवार सदस्य मलबे में फंसा हुआ है और उन्हें निकालने का कोई रास्ता नहीं है। उन्होंने कहा, “कृपया कोई आकर हमारी मदद करे। हमने अपना घर खो दिया है। हमें नहीं पता कि हमारी रिश्तेदार नौशीन जिंदा है या नहीं।”

अभी भी कांप रही है धरती

चूरलमाला के एक अन्य निवासी ने फोन पर बताया कि धरती अभी भी कांप रही है और लोग बहुत डर में हैं। उन्होंने बताया कि चूरलमाला से बाहर आने का कोई रास्ता नहीं बचा है। एक अन्य व्यक्ति ने मुंडक्कई से फोन पर बताया कि वहां बड़ी संख्या में लोग दलदल में फंसे हुए हैं और अगर मेप्पाडी से कोई वाहन आ सके तो सैकड़ों लोगों की जान बचाई जा सकती है।

प्राकृतिक आपदा के बाद की स्थिति

एक बुजुर्ग व्यक्ति ने बताया कि उनकी पत्नी लापता है और उन्हें नहीं पता कि वह कहां है। उन्होंने कहा, “हम घर में सो रहे थे जब अचानक एक जोर की आवाज आई और हमारे घर पर विशाल पत्थर और पेड़ गिरने लगे। बाढ़ का पानी घर में घुस आया और सारे दरवाजे तोड़ दिए। किसी ने मुझे बचाकर अस्पताल पहुंचाया, लेकिन मेरी पत्नी का अभी तक कोई पता नहीं चला।”

वायनाड जिले के मुंडक्काई, चूरालमाला, अट्टामाला और नूलपुझा गांव भूस्खलन से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। इस प्राकृतिक आपदा में लोग जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं, और प्रशासन तेजी से बचाव कार्यों में जुटा हुआ है।

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