ऐसी नफरत… खत्म कर दिया छोटे भाई का परिवार, मां को भी नहीं छोड़ा
सीतापुर पुलिस ने पल्हापुर गांव में एक ही परिवार के छह लोगों की हत्या के मामले में नया मोड़ इस हत्याकांड अनुराग के बड़े भाई अजीत सिंह ने ही अंजाम दिया था। तफ्तीश में तथ्य उजागर हुए हैं कि संपत्ति विवाद में अनुराग, उसकी पत्नी प्रियंका व तीन मासूमों के साथ मां सावित्री की भी हत्या कर दी।
रूह काप देने वाली हत्या बड़े भाई ने पहले तो अपने छोटे भाई को गोली मारी और उसके बाद अपनी मां को गोली मारी इसके बाद पत्नी को गोली मार तो बेटी बचाने पहुंची इसके बाद बेटी को भी गोली मार दी और दो मासूम बच्चे के सिर पर हथौड़ा मारकर छत से फेंक दिया
जबकि पुलिस अधीक्षक ने पहले पूरे मामले को दबाने में लग रहे और पूरे मामले को खुदकुशी बताया लेकिन पीएम रिपोर्ट आने के बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ आईजी लखनऊ द्वारा मौके पर पहुंचे और जांच पड़ताल की इसके बाद पूछताछ में सच सामने आया इसके बाद से ही उसके बड़े भाई अजीत को और दो नौकरों को हिरासत में लिया है पूछताछ में पूरे मामले का खुलासा हुआ थाना रामपुर मथुरा क्षेत्र का मामला
आरोपी अजीत ने सावधानीपूर्वक योजनाबद्ध हत्याओं के बाद खून से सने कपड़े धोए
सीतापुर सामूहिक हत्या मामले ने चौंकाने वाला मोड़ ले लिया है हत्या के मुख्य आरोपी अजीत ने अपनी मां, भाई, भाभी और तीन भतीजों की क्रूर हत्याओं की सावधानीपूर्वक योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने की बात कबूल कर ली है। अजीत ने अपने छोटे भाई अनुराग को उसके परिवार की कथित तौर पर हत्या करने के बाद आत्महत्या साबित करने के लिए अपराध स्थल से छेड़ छाड़ की।
स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी) द्वारा गहन पूछताछ के दौरान अजीत ने हत्याओं के बारे में परेशान करने वाली जानकारी दी। हत्याओं के बाद, उसने अपने खून से सने कपड़ों को सावधानीपूर्वक धोया और छुपा दिया, जिसे बाद में उसके खुलासे के आधार पर फोरेंसिक टीम ने बरामद कर लिया। क्राइम ब्रांच ने भी अजीत से पूछताछ की है, जिसमें कई चौंकाने वाले तथ्य उजागर हुए हैं।
साजिश महीनों पहले रची गई
पुलिस के मुताबिक, अजीत ने पहले से ही भयानक हत्याओं की साजिश रची थी, वह सही मौके का इंतजार कर रहा था जब अनुराग की पत्नी प्रियंका और उनके बच्चे स्कूल की छुट्टियों के दौरान गांव आएंगे। अजीत ने अपने एक रिश्तेदार और दो अन्य लोगों के साथ मिलकर शुक्रवार देर रात करीब तीन बजे हत्या की साजिश रची। उसने बड़ी बेरहमी से मासूम बच्चों को दूसरी मंजिल से नीचे फेंक दिया, जिससे उनकी मौत सुनिश्चित हो गई।
संपत्ति विवाद और पिता का ऋण बना हत्या की वजह
जबकि अजीत ने शुरू में हत्या संभावित कारण के रूप में अपने पिता के ऋण को चुकाने पर विवाद और संपत्ति संघर्ष का हवाला दिया था, पुलिस अभी भी जघन्य अपराध के पीछे के सटीक कारणों की जांच कर रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने प्रारंभिक पुलिस सिद्धांत का खंडन किया, जिसके कारण स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) महेश चंद्र पांडे को निलंबित कर दिया गया, जिन्होंने अजीत के मनगढ़ंत कहानी के आधार पर एसपी को जल्दबाजी में गलत जानकारी दी थी।
अधिकारियों ने ल्दी से जल्दी न्याय दिलाने की शपथ ली
इस मामले ने शहर को सदमे में डाल दिया है और अधिकारियों ने अपराधियों को जल्द से जल्द न्याय के कटघरे में लाने की कसम खाई है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, पारिवारिक विश्वासघात और नृशंस हत्या के इस जघन्य मामले में और भी चौंकाने वाले खुलासे होने की उम्मीद है।