![शायराना अंदाज में सुधांशु त्रिवेदी का कांग्रेस को करारा जवाब 1 सुधांशु त्रिवेदी का कांग्रेस को करारा जवाब](https://thenewsbrk.com/wp-content/uploads/2024/06/untitled-design-2024-06-28t124010-1719559828.webp)
नई दिल्ली। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राज्यसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच चर्चा जारी है। इस दौरान बीजेपी के सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए चर्चा की शुरुआत की। त्रिवेदी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफों के पुल बांधे और कांग्रेस तथा नेहरू परिवार की कड़ी आलोचना की। इस दौरान उन्होंने शायराना अंदाज में भी कांग्रेस पर प्रहार किए।
सुधांशु त्रिवेदी ने संसद में शायरी पढ़ते हुए कहा, “दरिया का सारा नशा उतरता चला गया, और वो मुझको डुबाता रहा लेकिन मैं उभरता चला गया… ये 44, 52 और 99… अरे मंजिल समझकर बैठ गए जिस पर चंद लोग, मैं ऐसे कितने ही रास्तों से होकर गुजरता चला गया।” उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले तीन लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने केवल 44, 52 और 99 सीटें ही जीती हैं। अगर इन सबको जोड़ भी लिया जाए, तो भी हमारे 240 सांसदों के सामने विपक्षियों की ये संख्या कुछ भी नहीं है। कांग्रेस पार्टी पिछले 40 सालों में भी 240 सीटें नहीं जीत पाई। इन सबने मिलकर कितनी भी कोशिश कर ली, लेकिन वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने से नहीं रोक पाए।
नेहरू-मोदी की तुलना पर सुधांशु त्रिवेदी की टिप्पणी
राज्यसभा में त्रिवेदी ने नेहरू परिवार की आलोचना करते हुए कहा, “हां, पंडित जवाहरलाल नेहरू और नरेंद्र मोदी में अंतर हैं। नेहरू और पीएम मोदी की बराबरी नहीं हो सकती। पीएम मोदी सर्वसम्मति से प्रधानमंत्री बने, जबकि नेहरू बिना सर्वसम्मति के प्रधानमंत्री बने।” उन्होंने कहा, “पीएम मोदी ने सभी पार्टियों के लोगों को भारत रत्न और अन्य पुरस्कार दिए, लेकिन नेहरू जी ने अपनी ही पार्टी के सरदार पटेल और बाबा साहेब आंबेडकर को भारत रत्न नहीं दिया। वे खुद अपनी ही सरकार से पुरस्कार लेकर बैठ गए।”
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कांग्रेस ने की लोकतंत्र की हत्या: बीजेपी सांसद
सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा, “कांग्रेस के लोग लोकतंत्र की हत्या की बात करते हैं, लेकिन उन्होंने अपनी सरकारों में लोकतंत्र का गला घोंट डाला। जब-जब ये लोग सत्ता में आए, लोकतंत्र खतरे में आया। इनके समय में प्रेस को भी आजादी नहीं थी। कांग्रेस ने इमरजेंसी लगाकर संविधान का गला घोटा।”
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