![स्पीकर पद का संग्राम: आखिरी समय में बिगड़ी बात, राजनाथ की चुप्पी से टूटी सर्वसम्मति की डोर! 1 स्पीकर पद का संग्राम](https://thenewsbrk.com/wp-content/uploads/2024/06/666ff5014feaf-20240430-305010198-16x9-1.avif)
नई दिल्ली। एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच 18वीं लोकसभा के अध्यक्ष पद को लेकर विवाद तेज हो गया है। स्वतंत्रता के बाद पहली बार लोकसभा स्पीकर का चुनाव हो रहा है, और दोनों पक्षों ने अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। विपक्षी गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में केरल से कांग्रेस सांसद के. सुरेश होंगे, जबकि एनडीए की ओर से वर्तमान अध्यक्ष ओम बिरला को फिर से मैदान में उतारा गया है।
सर्वसम्मति की कोशिशें नाकाम
मंगलवार की सुबह, विपक्षी नेताओं और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। यह बैठक लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए आम सहमति बनाने के प्रयास में बुलाई गई थी, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका। विपक्षी नेताओं ने राजनाथ सिंह से कहा कि वे एनडीए उम्मीदवार का समर्थन करने के लिए तैयार हैं, लेकिन उपसभापति का पद विपक्ष को मिलना चाहिए। राजनाथ सिंह ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
बैठक से पहले की चर्चा
सोमवार शाम को, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से संपर्क किया था। खरगे ने स्पष्ट रूप से कहा था कि कांग्रेस एनडीए उम्मीदवार का समर्थन करेगी, बशर्ते उपसभापति का पद विपक्ष को दिया जाए। राजनाथ सिंह ने खरगे को अगले दिन फोन करने का वादा किया, लेकिन मंगलवार सुबह तक कोई कॉल नहीं आया।
राजनाथ सिंह की चुप्पी
मंगलवार सुबह फिर से विपक्षी नेताओं ने राजनाथ सिंह से मुलाकात की। इस बैठक में भी राजनाथ सिंह ने उपसभापति पद के बारे में कोई ठोस जवाब नहीं दिया। कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल और डीएमके नेता टीआर बालू ने बैठक छोड़ दी और सरकार पर आरोप लगाया कि वह उपसभापति का पद विपक्ष को देने में आनाकानी कर रही है।
राहुल गांधी का बयान
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष से रचनात्मक सहयोग की बात की थी, लेकिन राजनाथ सिंह ने खरगे को फोन वापस नहीं किया। राहुल गांधी ने सरकार पर विपक्ष के नेताओं का अपमान करने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार की नीयत साफ नहीं है।
कौन हैं के. सुरेश?
केरल की मावेलिकारा सीट से सांसद कोडिकुन्निल सुरेश, जिन्हें के. सुरेश भी कहा जाता है, का 1989 से इस सीट पर कब्जा है। वे सात बार सांसद रह चुके हैं और लोकसभा में उन्हें सबसे ज्यादा अनुभव है। कांग्रेस सरकार में 2012 से 2014 तक राज्य मंत्री रह चुके सुरेश दलित नेता के रूप में जाने जाते हैं और एआईसीसी के सचिव भी रह चुके हैं। इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों डीएमके, शिवसेना (उद्धव), एनसीपी और अन्य ने उनके नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।
एनडीए उम्मीदवार ओम बिरला
एनडीए के उम्मीदवार ओम बिरला राजस्थान के कोटा से सांसद हैं और 2019 में पहली बार लोकसभा स्पीकर बने थे। उन्हें सदन में एक कड़े प्रशासक के रूप में जाना जाता है। एनडीए ने उन्हें दूसरी बार इस पद के लिए उम्मीदवार बनाया है।
स्पीकर पद की लड़ाई का नतीजा
बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष पद का चुनाव होगा। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या राजनाथ सिंह और विपक्षी नेताओं के बीच कोई समझौता हो पाता है या नहीं। इस चुनाव से यह भी स्पष्ट होगा कि संसद में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच संबंध कैसे रहेंगे।
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