
पुरी। उड़ीसा के जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार का दरवाजा दोपहर 1:28 बजे आखिरकार खोल दिया गया। एक रहस्यमय और ऐतिहासिक क्षण, जब इस प्राचीन खजाने की चाबी घुमाई गई, तो वहां मौजूद सभी लोग मानो एक ही सांस में थे। सरकार के प्रतिनिधि, एएसआई के अधिकारी, श्री गजपति महाराज के प्रतिनिधि, और अन्य प्रतिष्ठित व्यक्तियों की मौजूदगी में अचानक ऐसी घटना घटी जिससे सभी लोग सन्न रह गए।
46 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद जग्ननाथ मंदिर के भीतरी कमरे और इसमें रखे खजाने को को खोला गयाा है। आखिरी बार इसे 1978 में खोला गया था। ऐसा कहा जाता है कि इसमें भगवान जगन्नाथ, उनकी बहन सुभद्रा और अन्य देवताओं के हीरे जवारत से बने बेशकीमती आभूषण रखे हैं। लेकिन इससे भी अधिक, इस खजाने के चारों ओर एक ऐसा रहस्य और भय है, जो सदियों से लोगों को इसे खोलने से रोकता रहा है।
दरअसल जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार के बारे में एक प्राचीन मान्यता है कि इसकी रक्षा सांपों का एक समूह करता है। आंतरिक रत्न भंडार के कमरों से अक्सर फुसफुसाने की आवाजें आती हैं, जैसे कोई सांप फुफकार रहा हो। इसीलिए, रत्न भंडार को खोलने से पहले मंदिर समिति ने भुवनेश्वर से दो सांप पकड़ने के विशेषज्ञों को बुलाया था। इसके अलावा किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए डॉक्टरों की एक टीम भी तैयार रखी गई थी।
बता दें कि जैसे ही मंदिर का आंतिरक रत्न भंडार गृह खोला गया वैसे ही वहां पर मौजूद पुरी के एसपी पिनाक मिश्रा बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़े। एसपी के बेहोश होते ही वहां मौजूद सभी के हाथ पांव फूल गए और आनन फानन में डॉक्टरों की टीम उनको बाहर ले गई औऱ उनका तुरंत इलाज शुरू कर दिया। इलाज के थोड़ी देर बाद एसपी पिनाक मिश्रा को होश आ गया। डॉक्टरों ने एसपी पिनाक मिश्रा के बेहोश होने के पीछे की वजह गर्म मौसम और भंडार गृह में ऑक्सीजन की कमी बताई। इसके अलावा एसपी पिनाक मिश्रा ने बताया कि उनकी तबियत बीते कुछ महीने से खराब चल रही थी। जो उनके गर्भ गृह में बेहोश होने की वजह थी।
मंदिर के खजाने की बात करें तो रत्न भंडार गृह से आभुषणों के 6 बड़े लकड़ी के संदूक बाहर निकाले गए। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानि ASI के सुपरिटेंडेंट डीवी गणनायक ने कहा कि खजाने में मौजूद कीमती सामानों की एक डिजिटल सूची तैयार की जाएगी। इसमें उनके वजन, निर्माण, और अन्य विवरण शामिल होंगे। इसके अलावा, रत्न भंडार का सर्वे किया जाएगा, जिससे यह पता चलेगा कि इसका आकार कितना बड़ा है और इसमें कितने कीमती रत्न और आभूषण हैं। हालांकि माना जा रहा है कि इन संदूको में भारत के अन्य मंदिरों की तरह ही बेशकीमती रत्नजड़ित आभूषण हो सकते है।
बता दें कि पिछले साल, 2019 में, यह खबर सामने आई थी कि रत्न भंडार के अंदर बहुत सारी समस्याएं है, जैसे कि पानी का रिसाव और प्लास्टर का टूटना। इसलिए, हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि रत्न भंडार की मरम्मत की जाए। जिसके सेंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने भी इस मुहिम का समर्थन किया था। उन्होंने मंदिर समिति के चेयरमैन को एक पत्र लिखकर इस मामले पर ध्यान देने की अपील की थी।
सुदर्शन पटनायक ने कहा कि, “हमने पिछले साल ही गजपति महाराज को इस मुद्दे पर लिखा था कि रत्न भंडार की मरम्मत बहुत जरूरी है। पानी का रिसाव और प्लास्टर का टूटना खजाने के लिए खतरा था। अब उच्च न्यायालय के आदेश और एएसआई की पहल से हमें उम्मीद है कि खजाना सुरक्षित रहेगा। बता दें कि इस रत्न भंडार को सुरक्षित रखने के लिए सरकार ने डिजिटल सूची तैयार करने का फैसला किया है। इसके तहत सभी कीमती वस्तुओं का वजन और निर्माण की जानकारी डिजिटल रूप में दर्ज की जाएगी।
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