![RO/ARO Paper leak: पानी की बोतल में छुपाकर लाया पेपर, 10 लाख में हुई थी डील, पेपर लीक का सनसनीखेज खुलासा! 1 449031075 122114865584332424 7064453949958000272 n](https://thenewsbrk.com/wp-content/uploads/2024/06/449031075_122114865584332424_7064453949958000272_n.jpg)
सार
स्मार्टफोन के जरिए पेपर की फोटो खींची गई और वायरल की गई। गिरफ्तारी के बाद सभी आरोपियों ने मिलकर अपराध की योजना बनाई थी। एसटीएफ ने सटीक सूचना पर कार्यवाही करते हुए सभी आरोपियों को धर दबोचा। इस पेपर लीक के मामले में बड़े गैंग का खुलासा हुआ है, जो पहले भी कई परीक्षाओं में गड़बड़ी कर चुका है।
विस्तार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) की समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (RO/ARO) परीक्षा का प्रश्नपत्र भोपाल स्थित प्रिंटिंग प्रेस से लीक हुआ था। परीक्षा से आठ दिन पहले, राजीव नयन मिश्र और उसके सहयोगियों ने प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारी सुनील रघुवंशी की मदद से पेपर बाहर निकलवा लिया था। एसटीएफ ने रविवार को इस मामले का खुलासा करते हुए कुल छह आरोपियों को गिरफ्तार किया।
पेपर लीक की योजना
प्रश्नपत्र की छपाई के दौरान सुनील रघुवंशी ने स्याही खराब होने वाले पेपर को अलग छांटकर रखा और मौका देखकर पेपर को पानी की बोतल में छुपाकर बाहर ले आया। इस काम के लिए राजीव नयन मिश्र एंड कंपनी ने सुनील को 10 लाख रुपये की डील दी थी। सुनील ने पेपर को अपने सामने पढ़वाने की शर्त रखी थी, ताकि पेपर व्यापक रूप से वायरल न हो सके।
गिरफ्तार आरोपी
- सुनील रघुवंशी: प्रिंटिंग प्रेस कर्मचारी, भोपाल
- सुभाष प्रकाश: मधुबनी, बिहार
- विशाल दूबे: प्रयागराज, उत्तर प्रदेश
- संदीप पांडेय: प्रयागराज, उत्तर प्रदेश
- अमरजीत शर्मा: गया, बिहार
- विवेक उपाध्याय: बलिया, उत्तर प्रदेश
READ MORE: NEET पेपर लीक: बिहार के बाद महाराष्ट्र का कनेक्शन, दो अध्यापकों से पूछताछ
साथ की पढ़ाई
पूछताछ के दौरान पता चला कि राजीव नयन, सुभाष प्रकाश, विशाल दूबे और सुनील अलग-अलग प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ते थे। विशाल और सुनील ने 2014 से 2017 तक साथ पढ़ाई की थी। पढ़ाई के बाद सुनील भोपाल में प्रिंटिंग प्रेस में मैकेनिकल इंजीनियर बन गया और सुभाष प्रकाश प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज में नौकरी करने लगा। विशाल और राजीव नयन छात्रों के एडमिशन कराने का काम करते थे।
गिरफ्तारी की कहानी
एसटीएफ ने 21 अप्रैल को खुलासा इस बाता का खुलासा कर दिया था कि आरओ/एआरओ परीक्षा का प्रश्नपत्र प्रयागराज के बिशप जॉनसन गर्ल्स कॉलेज केंद्र के अलावा एक अन्य जगह से भी लीक कराया गया था। इसके बाद मेरठ जेल में बंद नकल माफिया राजीव नयन मिश्र से पूछताछ में इस बात का पता चला था कि उसे यह पेपर उसके दोस्त सुभाष प्रकाश ने भेजा था। इसके बाद से ही सुभाष की तलाश की जा रही थी।
कैसे हुआ पेपर लीक
तीन फरवरी को सुनील ने मशीन की मरम्मत के बहाने पेपर को बाहर लाने का मौका पाया। उसने पेपर को पानी की बोतल में छुपाकर बाहर निकाल लिया। सुनील ने राजीव नयन एंड कंपनी से 10 लाख रुपये की डील की थी और शर्त रखी थी कि पेपर को उनके सामने पढ़वाया जाए, ताकि वह वायरल न हो। हालांकि, बाद में सुभाष और विशाल ने पेपर की फोटो राजीव नयन के मोबाइल पर भेजी, जिसके बाद पेपर वायरल हो गया।
पेपर लीक का समय
विशाल ने सुनील को रुपयों का लालच देकर पेपर लीक करने के लिए तैयार कर लिया। सुभाष प्रकाश ने नौ फरवरी की रात को 10.31 बजे सामान्य हिंदी का प्रश्नपत्र और 10.32 बजे सामान्य अध्ययन का प्रश्नपत्र व्हाट्सएप पर भेजा। यह वही प्रश्नपत्र थे, जो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे।
यह भी पढ़ें:
- जीका वायरस का खतरा: केंद्र सरकार का अलर्ट, सभी राज्यों को सतर्क रहने की सलाह
- हाथरस हादसा Exclusive: बाबा की रंगोली का बुरादा बना सवा सौ मौतों का कारण
- टी20 वर्ल्ड कप 2024: भारतीय टीम की विजयी वापसी, देश में जश्न की तैयारी
- बारबाडोस में फंसे विराट कोहली: तूफान के भयंकर मंजर की वीडियो कॉल पर अनुष्का शर्मा को दिखाई झलक
- सोनाक्षी की शादी पर लव सिन्हा का ट्वीट: बोले ‘…गलत समझा गया’
- ‘हम आलोचना के हकदार हैं’, विश्व कप में हार के बाद बोले मोहम्मद रिजवान