
Port Louis Mauritius/ANI:- भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर मंगलवार के दिन दो दिवसीय मुलाकात करने के लिए मॉरीशस पहुंचे हैं। मॉरीशस पहुँचते ही वहां के विदेश मंत्री मनीष गोबिन ने उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। इस स्वागत को स्वीकार करते हुए जयशंकर ने कहा कि दोनों ही देश के बीच जल्द ही एक उन्नत रिश्ता होगा। यह द्विपक्षीय संबंध दोनों ही देश के लिए शानदार होगा। साथी मॉरीशस के विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों ही देश जल्द ही अपने रिश्तों को और भी मजबूत डोरी में बांधेंगे।
सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर दी जानकारी
विदेश मंत्री जयशंकर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा की नमस्ते मॉरीशस ! मनीष गोबिन को उन्होंने टैग करते हुए उनका धन्यवाद किया। साथ ही दोनों देशों को भविष्य में एक उन्नत रिश्ते में बांधने के लिए कहा।
दोनों ही देश के बीच मजबूती और साझेदारी का रिश्ता
इसके जवाब में विदेश मंत्री गोबिन ने भी कहा कि मॉरीशस डॉ. जयशंकर का स्वागत करता है। उनके इस विजिट के दौरान हम दोनों देशों के बीच एक मजबूती और साझेदारी का रिश्ता रखेंगे। उन्होंने कई टैग्स का भी इस्तेमाल किया। इन टैग्स का इस्तेमाल करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों ही देश साझेदारी के दौरान नई ऊंचाइयों को छुएंगे। यह टैग कुछ इस तरह से हैं।#Indiamaritius,
#GlaobalSouth@MEABharat@MEAindia@HCL_Portlouis,
मॉरीशस के प्रधानमंत्री से कर सकते हैं मुलाकात
इस दो दिवसीय यात्रा के दौरान विदेश मंत्री सुब्रहमण्यम जयशंकर मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जुगनाथ के साथ मुलाकात करेंगे। साथ ही साथ वह उनके कुछ सीनियर मंत्रियों से भी बातचीत कर सकते हैं। भारत के प्रधानमंत्री पीएम मोदी के शपथ समारोह में मॉरीशस के पीएम जुगनाथ को बुलाया गया था। इससे पहले जयशंकर अपने पहले विपक्षीय बातचीत के लिए मॉरीशस गए थे। फरवरी 2021 में इस देश की यात्रा की थी। वहां मॉरीशस के पीएम से दूसरी बात मुलाकात करने वाले हैं।
अभी हाल ही में दोनों देशों के नेताओं ने किया वर्चुअल उद्घाटन
29 फरवरी 2024 को भी मॉरीशस के अगालेगा द्वीप में सामुदायिक विकास परियोजनाओं का पीएम मोदी और पीएम जुगनाथ ने मिलकर वर्चुअल उद्घाटन किया था। इस परियोजना में नई हवाई पट्टी और सेंट जेंट्स चट्टी का संयुक्त रूप से उद्घाटन हुआ था।
मॉरीशस की कुल आबादी का 70% है भारतीय मूल
मॉरीशस की कुल आबादी 1.2 मिलियन हैl आंकड़ों के मुताबिक भारतीय मूल के लगभग 70% लोग मॉरीशस में रहते हैं। सूत्रों के मुताबिक पता चला कि दोनों ही देश विभिन्न आयामों पर विस्तार से चर्चा करेंगे। भारत और मॉरिशस दोनों ही देश बहुत ही लंबे समय से एक दूसरे के साथ जुड़े हुए हैं। चाहे हम ऐतिहासिक तौर पर बात करें , लोकतांत्रिक तौर पर बात करें या फिर सांस्कृतिक तौर पर।
भारत मॉरीशस के द्विपक्षीय संबंध हैं मजबूत
भारत और मॉरीशस के संबंध सन 1730 से ही है लेकिन आजादी के बाद सबसे पहले 1948 में दोनों देशों में एकजुटता दिखी। 2007 से ही भारत और मॉरीशस के बीच व्यापारिक और आर्थिक संबंध लगातार बढ़ते जा रहे हैं। दोनों देशों के बीच सैन्य संबंध भी अधिक मजबूत है भारतीय नौ सैनिक के Coastal Surveillance Radar (CSR) station की एक ग्रिड मॉरीशस में भी है।
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