India -Russia :- पीएम मोदी 2019 के बाद जुलाई में पहली बार करेंगे रूस की यात्रा

रिया शाह
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माॅस्को/नई दिल्ली:-  मंगलवार को रूस के राष्ट्रीय न्यूज़ एजेंसी RIA के अनुसार 2019 के बाद जुलाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस जा सकते हैं। ऐसा माना जा रहा है कि भारत और रूस दोनों ही देश इस मुलाकात की तैयारी के लिए लगे हुए हैं। एजेंसी के अनुसार एक कूटनीतिज्ञ ने यह जानकारी दी है। क्रेमलिन ने पहले ही मार्च में घोषणा कर दी थी कि मोदी रूस देश की यात्रा जल्द ही करने वाले हैं। रायटर्स के अनुसार, पीएम मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जल्द ही मिलने वाले हैं।

पीएम मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जुलाई में मिलने वाले हैं।
Source:- mint/ पीएम मोदी और रूस के राष्ट्रपति रूस यूक्रेन युद्ध के बाद पहली बार करेंगे रूस में मुलाकात

प्रधानमंत्री मोदी 2019 के बाद पहली बार करेंगे रूस की यात्रा

अगर जुलाई में यह बैठक होती है तो प्रधानमंत्री मोदी रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद पहली बार रूस देश की यात्रा करेंगे। इससे पहले 2019 में उन्होंने रूस देश की यात्रा की थी। पिछली बार राष्ट्रपति पुतिन 2021 में नई दिल्ली में वार्षिक भारत-रूस बैठक में शामिल होने आए थे। यह वार्षिक बैठक पिछले 2 साल से आयोजित नहीं हुई है। आखिरी बार दोनों देशों के नेताओं ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में मुलाकात की थी। 

शंघाई सहयोग संगठन की बैठक 16 सितंबर, 2022 को उज़्बेकिस्तान के समरकंद में आयोजित हुई थी। इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के राष्ट्रपति को यूक्रेन संघर्ष के समाधान के लिए बातचीत और कूटनीति का रास्ता अपनाने की सलाह दी थी। 

अभी कुछ ही दिन पहले पीएम मोदी ने की इटली की यात्रा

अभी कुछ ही दिनों पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने नॉर्थ कोरिया की यात्रा की थी। इसी साल रूस के राष्ट्रपति के रूप में व्लादमीर पुतिन ने पांचवीं बार शपथ ली। रूस के राष्ट्रपति ने नरेंद्र मोदी को उनकी जीत के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी बधाई दी थी। अभी हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी G7 की बैठक में शामिल होने के लिए इटली गए थे।

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भारत सदैव रहा है शांति का पक्षधर

जब से रूस-यूक्रेन युद्ध वाला संघर्ष हुआ है तब से रूस पर प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। ऐसे में भारत ने इस मुद्दे पर टिप्पणी नहीं की है। अमेरिका और पश्चिमी देशों से राजनीतिक और राजनीतिक संबंध बनाने के बजाय भारत ने रूस के साथ तेल के व्यापार को बढ़ाया। हालांकि भारत ने समय-समय पर यूक्रेन संघर्ष को शांति विराम देने के लिए अप्रत्यक्ष रूप से कहा है। भारत में सदैव इस संघर्ष के लिए बातचीत का प्लेटफॉर्म अपने की सलाह दी है।

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