
नई दिल्ली। पेरिस ओलंपिक में भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट की अपील पर खेल पंचाट (सीएएस) में सुनवाई पूरी हो गई है। इस मामले में फैसला अगले एक-दो दिनों में आने की संभावना है। इससे पहले तदर्थ विभाग ने यह जानकारी दी थी कि फैसला रविवार को ओलंपिक के समापन से पहले आ सकता है। विनेश का पक्ष वरिष्ठ एडवोकेट हरीश साल्वे और विदुष्पत सिंघानिया ने रखा। सुनवाई से पहले सभी संबंधित पक्षों को अपना कानूनी हलफनामा जमा करने का अवसर दिया गया था, जिसके बाद मौखिक बहस हुई।
क्या है मामला?
विनेश फोगाट को महिला 50 किग्रा वर्ग के फाइनल में पहुंचने के बाद वजन अधिक होने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया था, जिसके चलते वह पदक जीतने से वंचित रह गईं। इस मामले को लेकर विनेश ने खेल पंचाट के सामने दो अपील की थीं। पहली अपील में उन्होंने फाइनल मुकाबले में खेलने का अवसर मांगा था, जबकि दूसरी अपील में उन्होंने संयुक्त रूप से रजत पदक दिए जाने की मांग की थी। पंचाट ने उनकी पहली अपील को खारिज कर दिया और कहा कि फाइनल को रोका नहीं जा सकता।
हालांकि, तदर्थ प्रभाग ने उनकी दूसरी अपील को स्वीकार कर लिया था। विनेश ने स्वर्ण विजेता सारा एन हिल्डेब्रांट के खिलाफ फाइनल के दिन 100 ग्राम वजन अधिक होने के कारण अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ अपील की थी। विनेश की जगह फाइनल में क्यूबा की पहलवान युस्नेलिस गुजमान लोपेज को उतारा गया था, जो सेमीफाइनल में विनेश से हार गई थीं। भारतीय पहलवान ने अपनी अपील में लोपेज के साथ संयुक्त रजत पदक दिए जाने की मांग की है, क्योंकि मंगलवार को हुए मुकाबलों के दौरान उनका वजन निर्धारित सीमा के अंदर था।
आईओए को सकारात्मक परिणाम की उम्मीद
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने एक बयान में कहा है कि उन्हें विनेश फोगाट की अपील पर सकारात्मक परिणाम की उम्मीद है। आईओए ने बताया कि एकमात्र पंच डॉक्टर अनाबेल बेनेट एसी (ऑस्ट्रेलिया) ने सभी पक्षों—विनेश फोगाट, युनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू), अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) और आईओए—की बात करीब तीन घंटे तक सुनी।
आईओए अध्यक्ष पीटी उषा ने सुनवाई के दौरान सहयोग और दलीलों के लिए साल्वे, सिंघानिया और क्रीडा कानूनी टीम का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “आईओए का यह कर्तव्य है कि वह विनेश का समर्थन करे, और हम उसके साथ खड़े रहेंगे, चाहे मामला किसी भी दिशा में जाए। हमें उसकी उपलब्धियों पर गर्व है।”
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