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क्या है डॉक्सिंग(Doxxing)? हम इसके शिकार होने से कैसे बचें?

रिया शाह
7 Min Read
What is Doxxing?

क्या है डॉक्सिंग? What is Doxxing?

डॉक्सिंग (Doxing)का मतलब होता है किसी व्यक्ति की प्राइवेट डिटेल्स को डिजिटली पब्लिश कर देना । Doxing(डॉक्सिंग) शब्द डॉक्स ड्रॉपिंग (Dox Dropping) से निकल कर आया है।डॉक्स का मतलब है डॉक्यूमेंट। पहले यह ‘डॉक्स ड्रॉपिंग ‘के नाम से जाना जाता था लेकिन धीरे-धीरे ड्रॉप खत्म हो गया और डॉक्स प्रचलन में आ गया।

Doxxing
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डॉक्सिंग का पहला केस सन 1990 के दशक में आया था जब www का अविष्कार हुआ ।
डॉक्सर्स ज्यादातर पर्सनल डाटा को पब्लिश करते हैं ।यह पर्सनल डाटा होम ऐड्रेस, फोन नंबर ,ईमेल आईडी ,हेल्थ कंडीशन सरकारी दस्तावेज, लाइव लोकेशंस, इंश्योरेंस की जानकारी ,रोजगार तथा शिक्षा से जुड़ी जानकारियां हो सकती हैं।कुछ इनफॉरमेशन को निकालने के लिए डॉक्सर्स हैकिंग, डाटा चोरी,सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म या फिशिंग जैसे गलत तरीके अपनाते हैं। हालांकि किसी भी व्यक्ति की प्राइवेट या कोई भी उससे जुड़ी जानकारी को उसके बिना कंसेंट के पब्लिक कंजप्शन के लिए शेयर करना डॉक्सिंग और शोषण के अंतर्गत आता है।

डॉक्सिंग (Doxing) से खतरे

डॉक्सिंग का मतलब है किसी व्यक्ति की निजी जानकारी जैसे कि उसका नाम, पता, फोन नंबर, ईमेल, और अन्य व्यक्तिगत डेटा को सार्वजनिक रूप से ऑनलाइन जारी करना। यह एक गंभीर और खतरनाक कार्य हो सकता है जिसके कई दुष्परिणाम हो सकते हैं:

  1. प्राइवसी का उल्लंघन: डॉक्सिंग से व्यक्ति की निजी जानकारी सार्वजनिक हो जाती है, जिससे उसकी गोपनीयता भंग हो जाती है। यह व्यक्ति को असुरक्षित और कमजोर बना सकता है।
  2. फिजिकल खतरा: जब किसी का पता या फोन नंबर सार्वजनिक हो जाता है, तो उसे शारीरिक हमले का खतरा हो सकता है। कुछ मामलों में, डॉक्सिंग के परिणामस्वरूप व्यक्तियों को जान का भी खतरा हो सकता है।
  3. मानसिक तनाव: डॉक्सिंग का शिकार व्यक्ति अत्यधिक मानसिक तनाव और चिंता का सामना कर सकता है। यह मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है, जिससे व्यक्ति डिप्रेशन या एंग्जायटी जैसी समस्याओं का शिकार हो सकता है।
  4. प्रोफेशनल नुकसान: डॉक्सिंग से व्यक्ति की पेशेवर प्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुंच सकता है। उसकी व्यक्तिगत जानकारी सार्वजनिक होने से उसका करियर खतरे में पड़ सकता है, और उसे नौकरी खोने का भी खतरा हो सकता है।
  5. हैरासमेंट और साइबर बुलिंग: डॉक्सिंग का शिकार व्यक्ति को अक्सर ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों जगहों पर उत्पीड़न और बुलिंग का सामना करना पड़ता है। लोग उसे धमकियां दे सकते हैं या उसकी सार्वजनिक रूप से बेइज्जती कर सकते हैं।
  6. इम्पर्सोनेशन और फ्रॉड: डॉक्सिंग से मिली जानकारी का इस्तेमाल करके धोखेबाज व्यक्ति उस व्यक्ति की पहचान चुरा सकते हैं और फ्रॉड कर सकते हैं। इससे आर्थिक नुकसान भी हो सकता है।

इंटेन्ट जानना है जरूरी

डॉक्सिंग एक गंभीर अपराध है और इसके शिकार होने से बचने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए। इस साल के फरवरी में मुंबई पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के जरिए एक रिपोर्ट दर्ज किया । इस केस में एक आदमी एक महिला के डांस करते हुए वीडियो को अपलोड कर देता है। महिला का आरोप है कि यह वीडियो उसके कंसेंट के बिना ही री- पोस्ट किया गया है। यहां तक कि उसने कई बार आदमी से वीडियो को टेक डाउन करने का जिक्र भी किया ,लेकिन उस शख्स ने ऐसा करने से मना कर दिया। आखिर में मजबूर होकर महिला को अपना एक अकाउंट बंद करना पड़ा ।बाद में इस वीडियो को एक्स ने डिसएबल कर दिया।

डॉक्सिंग (Doxing) से बचाव

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  • डॉक्सिंग (Doxing) का शिकार होने पर क्या करें? चलिए जानते हैं कुछ स्टेपस के बारे में जिन्हें अपना कर हम अपने आप को इससे बचा सकते हैं-:
    अपने आईपी एड्रेस को वीपीएन वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क से प्रोटेक्ट करें।
  • अपने कंप्यूटर एवं लैपटॉप में हमेशा मालवेयर एवं एंटीवायरस सिस्टम ऑन रखें।
  • रेगुलरली अपने सॉफ्टवेयर को अपडेट करें ।डिफरेंट सोशल प्लेटफॉर्म के लिए अलग-अलग यूजरनेम को यूज करें ।
  • हमेशा स्ट्रांग पासवर्ड बनाएं और टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन को ऑन रखें ।अपने ओटीपी को किसी के साथ शेयर ना करें ।
  • फिशिंग ईमेल से अलर्ट रहें ।आप डोमेन नाम से अपनी पर्सनल जानकारियों को हाइड करें क्योंकि हैकर्स WHOIS lookup database से आपका नाम, फोन नंबर तथा अन्य जुड़ी जानकारियां जुटा सकते हैं।

WHOIS , ICANN( International Corporation for Assigned Name and Number) द्वारा चलाई गई एक डेटाबेस है जिसमें डोमेन नाम को सर्च करने पर डोमेन ओनर की सारी जानकारियां आ जाती हैं।आप इसके शिकार होने के बाद NCRP (नेशनल साइबर क्राईम रिर्पोटिंग पोर्टल )पर शिकायत दर्ज करें। शिकायत दर्ज करने पर FIR जल्द ही दर्ज हो जाएगी।

अन्य कंपनियों द्वारा उठाए गए कदम

एक्स ने अपने प्राइवेट इनफॉरमेशन एंड मीडिया पॉलिसी पेज पर लिखा है

हम जानकारी साझा करने वाले व्यक्ति के इरादे को भी ध्यान में रखते हैं। उदाहरण के लिए, यदि हमें लगता है कि कोई व्यक्ति अपमानजनक इरादे से या किसी अन्य व्यक्ति को परेशान करने या परेशान करने के लिए प्रोत्साहित करने के इरादे से जानकारी साझा कर रहा है तो हम कार्रवाई करेंगे।”

Facebook or Instagram की पैरंट कंपनी Meta इस बात को अच्छी तरह से जानती है कि यूजर्स की प्राइवेसी कितनी महत्वपूर्ण है। तभी तो 2022 फरवरी में कंपनी ने अपने बोर्ड में डाटा लीक करने को लेकर रूल्स लागू किया । डाॅक्सिंग के शिकार लोग कंपनी को रिमूवल रिक्वेस्ट भेज सकते हैं।

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अभी हाल ही में Reddit ने कंप्लेंट फोरम प्रोवाइड किया है। Discord ने अपनी कम्युनिटी पॉलिसीज में डॉक्सिंग की गाइडलाइंस को अपडेट किया है।
हालांकि सोशल मीडिया कंपनी आईटी रूल्स के तहत भारत में काम कर रहीं हैं, ऐसे में साइबर क्राइम कंप्लेन करने से कंपनियां एक्शन लेने को बाध्य हो जाती हैं।

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