![अयोध्या: राम मंदिर में वीआईपी दर्शन पर सख्ती, शयन आरती के लिए पास अनिवार्य 1 rama mathara ayathhaya f0bcbdf0383b84703cdcd7ecd386a98a](https://thenewsbrk.com/wp-content/uploads/2024/06/rama-mathara-ayathhaya_f0bcbdf0383b84703cdcd7ecd386a98a-1200x675.avif)
नई दिल्ली। अयोध्या के पवित्र राम मंदिर में अब रात नौ बजे के बाद वीआईपी दर्शन पर रोक लगा दी गई है। आम श्रद्धालु भी केवल 9:15 बजे तक ही मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे। इसके बाद सिर्फ वही भक्त दर्शन कर पाएंगे जिनके पास शयन आरती का पास होगा। यह नई व्यवस्था लागू कर दी गई है, और इसके पीछे का उद्देश्य मंदिर की पवित्रता और व्यवस्था को बनाए रखना है।
रामलला के दर्शन की नई समय सारिणी
राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा प्राण प्रतिष्ठा के बाद जारी की गई नई समय सारिणी के अनुसार, सुबह 6:30 बजे से रात 10 बजे तक रामलला के दर्शन किए जा सकते हैं। पहले रामलला के दरबार में रोजाना दो से ढाई लाख भक्त आते थे, लेकिन अब यह संख्या घटकर 80 हजार से एक लाख के बीच हो गई है। इसी के चलते ट्रस्ट ने दर्शन व्यवस्था में बदलाव किए हैं, हालांकि इसे अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है।
दर्शन व्यवस्था में बदलाव के कारण
राम मंदिर के मुख्य अर्चक सत्येंद्र दास ने बताया कि रामलला को शयन कराने की प्रक्रिया रात 9:15 बजे से ही शुरू हो जाती है। इसी वजह से आम श्रद्धालुओं को 9:15 बजे तक ही प्रवेश दिया जा रहा है। रात 9:15 बजे के बाद केवल उन भक्तों को दर्शन की अनुमति है जिनके पास शयन आरती का पास होता है। रात 10 बजे की शयन आरती के बाद रामलला को विश्राम करा दिया जाता है।
वीआईपी दर्शन पर रोक
वीआईपी श्रद्धालु अब रंग महल बैरियर से सिर्फ नौ बजे तक ही जा सकते हैं। इसके बाद सिर्फ उन्हीं को प्रवेश मिलता है जिनके पास शयन आरती का पास होता है। यह निर्णय मंदिर की व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने और भक्तों को बेहतर अनुभव देने के लिए लिया गया है।
रामलला के दरबार में भक्तों की आस्था
रामलला के दरबार में हर दिन हजारों भक्त अपनी आस्था और श्रद्धा व्यक्त करने आते हैं। भक्तों की इस आस्था को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि हर भक्त को शांति और सुकून से दर्शन का अवसर मिले। शयन आरती के दौरान रामलला को विश्राम देने की प्रक्रिया भी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
अयोध्या का राम मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह देश की संस्कृति और आस्था का प्रतीक भी है। इस नई व्यवस्था से भक्तों को अधिक सुव्यवस्थित और पवित्र वातावरण में भगवान राम के दर्शन करने का सौभाग्य मिलेगा।
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