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कांवड़ यात्रा पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: यूपी-उत्तराखंड सरकार को लगा झटका, अगली सुनवाई 26 को

News Desk
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कांवड़ यात्रा पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के कांवड़ यात्रा से जुड़े एक आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की। इस आदेश में यूपी सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों को मालिकों के नाम लिखने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने सुनवाई के बाद उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकार के इस निर्देश पर अंतरिम रोक लगा दी है। साथ ही, कोर्ट ने तीनों राज्यों को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि दुकानदारों को अपना नाम बताने की जरूरत नहीं है, बल्कि सिर्फ यह बताने की जरूरत है कि उनके पास कौन-से और किस प्रकार के खाद्य पदार्थ उपलब्ध हैं।

याचिकाकर्ताओं के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि यह एक चिंताजनक स्थिति है, जहां पुलिस अधिकारी समाज को बांटने का प्रयास कर रहे हैं। इससे अल्पसंख्यकों की पहचान कर उनका आर्थिक बहिष्कार किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने यह जानने का प्रयास किया कि क्या यह आदेश औपचारिक था या केवल प्रेस स्टेटमेंट के रूप में जारी किया गया था। याचिकाकर्ताओं के वकील ने जवाब दिया कि यह पहले एक प्रेस स्टेटमेंट था, लेकिन बाद में इसे सख्ती से लागू किया जाने लगा।

वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करते हुए कहा कि यह एक छद्म आदेश है और इससे गरीब लोगों की आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ेगा। सिंघवी ने यह भी कहा कि कांवड़ यात्रा दशकों से चली आ रही है और इसमें सभी धर्मों के लोग हिस्सा लेते हैं। इस प्रकार के आदेश से उन्हें बाहर करना अनुचित है।

सुप्रीम कोर्ट ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि स्थिति को वास्तविकता से बढ़ा-चढ़ाकर पेश नहीं किया जाना चाहिए। इन आदेशों में सुरक्षा और स्वच्छता के आयाम भी शामिल हैं। सिंघवी ने कहा कि हिंदुओं की ओर से चलाए जाने वाले शुद्ध शाकाहारी रेस्टोरेंट में भी मुस्लिम कर्मचारी काम कर सकते हैं। क्या यह कहना सही है कि वहां का खाना किसी खास समुदाय के द्वारा बनाया गया है?

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या कांवड़ यात्रा के श्रद्धालु (कांवड़िये) भी यह उम्मीद करते हैं कि खाना किसी खास श्रेणी के मालिक द्वारा पकाया गया हो। इस पर कोर्ट ने तीनों राज्यों को 26 जुलाई को अगली सुनवाई के दौरान जवाब देने का निर्देश दिया है।

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