Ad image

जोरावर टैंक: 2027 तक भारतीय सेना की शान बनने को तैयार, जाने इसकी खूबियां

News Desk
3 Min Read
2456653 zorawar 1

नई दिल्ली। भारतीय सेना के लिए एक महत्वपूर्ण खबर आई है। लंबे समय से हाई एल्टीट्यूड इलाकों के लिए हल्के टैंकों की जरूरत महसूस की जा रही थी, और अब वह वक्त आने वाला है जब लाइट वेट टैंक जोरावर (Zorawar) भारतीय सेना में शामिल हो जाएंगे। साल 2020 में चीन के साथ गलवान में हुई हिंसक झड़प के बाद भारतीय सेना को ऊंचे पहाड़ी इलाकों के लिए हल्के टैंकों की आवश्यकता महसूस हुई थी। उस समय चीन ने तिब्बत से सटे लद्दाख बॉर्डर पर ZTQ टी-15 लाइट टैंक तैनात किए थे। भारतीय सेना को टी-72 जैसे भारी टैंक तैनात करने पड़े थे, जो मुश्किल साबित हो रहे थे।

जोरावर टैंक: रिकॉर्ड समय में तैयार

शनिवार को डीआरडीओ ने गुजरात के हजीरा में अपने लाइट बैटल टैंक जोरावर एलटी (Zorawar Tank) की झलक पेश की। इस टैंक को डीआरडीओ ने लार्सन एंड टूब्रो के साथ मिलकर मात्र दो साल में तैयार किया है। डीआरडीओ के चीफ डॉ. समीर वी कामत ने टैंक का निरीक्षण किया। जल्द ही लद्दाख में इसके ट्रायल शुरू होंगे, जिनके अगले 12-18 महीनों में पूरा होने की उम्मीद है।

भारतीय सेना के लिए आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम

जोरावर टैंक भारत की रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को भी दर्शाता है। यह टैंक हल्का, चलने में आसान और हवा से परिवहन योग्य है। इसमें पर्याप्त मारक क्षमता, सुरक्षा, निगरानी और संचार क्षमताएं भी हैं। भारतीय सेना ने शुरुआत में केवल 59 जोरावर टैंकों का ऑर्डर दिया है, और बाद में 295 अतिरिक्त टैंक खरीदे जाएंगे।

जोरावर टैंक की खूबियां

  • वजन: 25 टन, जो टी-90 टैंकों के वजन का आधा है।
  • आर्मामेंट: 105 मिमी गन, एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल दागने की क्षमता।
  • सुरक्षा: मॉड्यूलर एक्सप्लोसिव रिएक्टिव आर्मर, एक्टिव प्रोटेक्शन सिस्टम।
  • पावर-टू-वेट रेशियो: कम से कम 30 एचपी/टन।
  • अन्य सुविधाएं: ड्रोन और बैटल मैनेजमेंट सिस्टम।

चीन के टैंकों से मुकाबला

भारत के T-72 टैंकों की तुलना में जोरावर टैंक अधिक कुशल है। टी-72 टैंक भारी और कठिनाई से ऊंचे इलाकों में काम करते हैं, जबकि जोरावर टैंक अपने हल्के वजन और एंफीबियस क्षमताओं के कारण पहाड़ी इलाकों और नदियों को आसानी से पार कर सकता है। जोरावर टैंक चीन के ZTQ-15 हल्के टैंकों का मुकाबला करने के लिए भारतीय सेना की आवश्यकताओं को पूरा करता है।

डीआरडीओ प्रमुख डॉ. कामत ने उम्मीद जताई है कि सभी परीक्षणों के बाद जोरावर टैंक को 2027 तक भारतीय सेना में शामिल किया जा सकता है। यह टैंक भारतीय सेना की क्षमताओं में महत्वपूर्ण वृद्धि करेगा और ऊंचे पहाड़ी इलाकों में रणनीतिक बढ़त प्रदान करेगा।

यह भी पढ़ें:

Share This Article
Follow:
Welcome to The News Break! हम दुनिया भर से नवीनतम सुर्खियों, ब्रेकिंग न्यूज और गहन विश्लेषण के लिए आपके जाने-माने स्रोत हैं। हमारा मिशन आपको सबसे महत्वपूर्ण कहानियों से अवगत, संलग्न और जुड़े रखना है।
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version