
पश्चिम बंगाल के दर्दनाक ट्रेन हादसे में अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है और 60 लोग घायल हैं। यह हादसा तब हुआ जब अगरतला से सियालदह जा रही कंचनजंगा एक्सप्रेस को न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन से करीब 30 किमी दूर एक मालगाड़ी ने पीछे से टक्कर मार दी। इस भयानक टक्कर में ट्रेन के दो चालक और एक गार्ड की भी जान चली गई। इस हादसे की वजह से पूरे देश में शोक की लहर है। रेलवे ने इस हादसे के पीछे की पूरी कहानी को साझा किया है।
कवच सिस्टम पर आई बात
रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष एवं सीईओ जया वर्मा सिन्हा ने प्रेसवार्ता में बताया कि दिल्ली-गुवाहटी रेल लाइन और पश्चिम बंगाल में कवच (ट्रैफिक कोलिजन अवॉइडेंस सिस्टम) अभी तक लागू नहीं किया गया है। यह सिस्टम अगले साल के प्लान में शामिल है। उन्होंने कहा कि फिलहाल देश के 1500 किमी ट्रैक पर कवच काम कर रहा है और इस साल के अंत तक इसे 3000 किमी ट्रैक पर और लगाया जाएगा। 2025 तक 3000 किमी और ट्रैक पर कवच लगाने का लक्ष्य है। सिन्हा ने कहा कि कवच बनाने वालों से उत्पादन में तेजी लाने का आग्रह करेंगे ताकि इसे जल्द से जल्द पूरे देश में लागू किया जा सके।
Read More: कंचनजंगा एक्सप्रेस हादसा: पांच की मौत, 25 घायल, ममता बनर्जी ने जताई गहरी संवेदना
पश्चिम बंगाल ट्रेन हादसा में सिग्नल की अनदेखी बनी हादसे की वजह
जया वर्मा सिन्हा ने कहा कि प्रथम दृष्टया हादसे की वजह मानवीय भूल प्रतीत होती है। उन्होंने बताया कि मालगाड़ी के चालक ने सिग्नल की अनदेखी की और रुकने का सिग्नल दिए जाने के बावजूद गाड़ी को आगे बढ़ा दिया। दुर्भाग्यवश, मालगाड़ी के चालक की जान भी इस हादसे में चली गई, इसलिए हमारे पास अब कोई अन्य प्रामाणिक जानकारी नहीं है। अधिक जानकारी जांच के बाद ही सामने आ पाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए तकनीकी उपायों को और मजबूत किया जाएगा।
हादसे के बाद ट्रेनें डायवर्ट
इस हादसे के कारण कई ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। राजधानी एक्सप्रेस (20506), राजधानी एक्सप्रेस (12424), उदयपुर एनजेपी साप्ताहिक ट्रेन (19602) और वंदे भारत एक्सप्रेस (12301) को ठाकुरगंज के रास्ते डायवर्ट किया गया है। कटिहार रेल मंडल ने यह जानकारी दी है और यात्रियों को इस असुविधा के लिए खेद व्यक्त किया है।
क्या होता अगर कवच सिस्टम लगा होता?
इस हादसे ने कवच सिस्टम की महत्ता को एक बार फिर उजागर कर दिया है। अगर इस रूट पर कवच सिस्टम लागू होता, तो शायद यह हादसा टल सकता था। कवच सिस्टम ट्रेन और ट्रैक के बीच संचार स्थापित करता है और ऐसी स्थिति में टक्कर होने से रोकता है। कवच सिस्टम की वजह से ट्रेनें स्वचालित रूप से रुक जाती हैं अगर सामने कोई बाधा होती है या सिग्नल की अनदेखी होती है। इससे यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
रेलवे की भविष्य की योजनाएँ
रेलवे ने इस हादसे से सबक लेते हुए भविष्य में कवच सिस्टम को जल्द से जल्द पूरे देश में लागू करने की योजना बनाई है। 2025 तक 6000 किमी ट्रैक पर कवच लगाने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही, रेल ट्रैकों की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए नए तकनीकी उपायों को भी लागू किया जाएगा। रेलवे की अध्यक्ष जया वर्मा सिन्हा ने कहा कि हम सभी की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है और हम इसे हर संभव तरीके से सुनिश्चित करेंगे।
यह भी पढ़ें:
- Pin Up Casino Пин Ап Официальный Сайт Онлайн Казино Pin Up, Игровые Автоматы, Регистрация
- 1xbet Application 1xbet Mobile ᐉ Download The 1xbet Apk Android & Iphone ᐉ Mobil 1xbet Com
- رابط تنزيل سكربت التفاحة “برنامج 1xbet” مجانا لتعويض الخسارة 2023 مُلهِمون
- Free Gambling games One to Shell out Real cash No Deposit
- Free Gambling games One to Shell out Real cash No Deposit
- Mostbet Türkiye: En İyi Casino Ve Spor Bahisleri Platformu