चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा है, खासकर केदारनाथ धाम में। 10 मई से शुरू हुई इस पवित्र यात्रा में अब तक आए तीर्थयात्रियों में लगभग 45 प्रतिशत केदारनाथ मंदिर में पहुंचे हैं। बाकी 55 प्रतिशत ने बद्रीनाथ धाम, गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर के दर्शन किए हैं। हर दिन हजारों श्रद्धालु कठिन 15 किलोमीटर के पर्वतीय रास्ते पर ‘हर हर महादेव’ के नारे लगाते हुए केदारनाथ पहुंच रहे हैं। रविवार देर शाम तक चारधाम में कुल मिलाकर 6,40,586 श्रद्धालु दर्शन कर चुके थे, जिनमें से 2.81 लाख ने केदारनाथ में दर्शन किए।
चारधाम यात्रा के 10 दिनों के भीतर 6 लाख से अधिक तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं। इनमें सबसे अधिक संख्या केदारनाथ धाम की है, जहां 2.50 लाख से अधिक बाबा के भक्त उनके दर्शन कर चुके है। बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री चारों धाम की बात करें तो रोजाना लगभग 70,000 से अधिक तीर्थयात्री दर्शन कर रहे हैं। वहीं चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण का आंकड़ा लगभग 29.52 लाख तक पहुंच गया है। तीर्थयात्रियों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्रदेश सरकार ने बिना पंजीकरण यात्रा करने वालों पर सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। जगह-जगह पंजीकरण की चेकिंग की जा रही है ताकि धामों में भीड़ को नियंत्रित किया जा सके।
खुले द्वितीय केदार मद्महेश्वर मंदिर के कपाट
पंच केदार में द्वितीय भगवान मद्महेश्वर के कपाट बीते दिन सोमवार को शुभ मुहूर्त में पूर्वाह्न 11.30 बजे भक्तों के दर्शनार्थ खोल दिए गए है। बाबा मद्महेश्वर की चल उत्सव विग्रह डोली भी भक्त मंडली के संग ओंकारेश्वर मंदिर से अंतिम पड़ाव गौंडार पहुंच चुकी है।
केदारनाथ धाम की अलौकिक दिव्यता
अगर केदारनाथ की बात करें तो यहां का वातावरण ही कुछ अलग अलौकिक है। हजारों की संख्या में लोग कठिन यात्रा के बाद मंदिर पहुंचते हैं और ‘हर हर महादेव’ के जयकारे से समूचा मंदिर का परिसर गूंज उठता है। ये वो पल हैं, जब व्यक्ति भगवान शिव की अपार कृपा का अनुभव करता है। केदारनाथ की यह यात्रा न केवल शारीरिक बल्कि आत्मिक शक्ति का भी प्रतीक है।
चारधाम यात्रा की प्रशासनिक तैयारियाँ
इस बार की यात्रा में प्रशासन ने भी अपनी पूरी तैयारी की है। पंजीकरण की सख्ती और चेकिंग का मकसद है कि श्रद्धालुओं की यात्रा सुरक्षित और व्यवस्थित हो। प्रदेश सरकार का यह कदम यात्रा को और भी सुगम बनाने के लिए है, ताकि हर श्रद्धालु बिना किसी असुविधा के अपने आराध्य के दर्शन कर सके।
मद्महेश्वर के कपाट खुलने की खुशी
सोमवार को मद्महेश्वर मंदिर के कपाट भी खुल गए है जिसकी खुशी बाबा के भक्तों के चेहरे पर साफ देखी जा सकती है। बाबा मद्महेश्वर की चल उत्सव विग्रह डोली के दर्शन करना हर भक्त के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव है। यह दिन भक्तों के लिए एक विशेष दिन बन गया है, जब वे भगवान के साक्षात दर्शन कर पा रहे हैं।
तीर्थयात्रियों की भावनाएँ
कल्पना कीजिए, उन श्रद्धालुओं की जो बदरीनाथ धाम की तीन किलोमीटर लंबी कतार में अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। हर चेहरा आस्था और उत्साह से दमक रहा है, हर दिल में भगवान के दर्शन की अभिलाषा है। इस अनुभव में जो धैर्य और श्रद्धा दिखती है, वह इस पवित्र स्थल की महिमा को और भी बढ़ा देता है।
इस प्रकार, चारधाम यात्रा न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह हमारी आस्था, धैर्य और भक्ति की परीक्षा भी है। हर कदम पर, हर मोड़ पर हमें भगवान की उपस्थिति का एहसास होता है। इस यात्रा का हर पल, हर क्षण हमारे जीवन को नए अनुभव और नई ऊर्जा से भर देता है।
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