नई दिल्ली। कोविड-19 महामारी के दौरान वैक्सीन समझौतों को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। बुधवार को यूरोपीय संघ की अदालत ने टिप्पणी की कि यूरोपीय आयोग ने महामारी के दौरान दवा कंपनियों के साथ किए गए कोविड-19 वैक्सीन खरीद समझौतों के बारे में जनता को पर्याप्त जानकारी नहीं दी। यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब यूरोपीय संसद में यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के फिर से चुनाव की मांग पर मतदान होने वाला है।
अदालत की टिप्पणी और फैसले की पृष्ठभूमि
यूरोपीय संघ के सांसदों के एक समूह ने कानूनी कार्रवाई की थी, जब आयोग ने उन्हें यूरोपीय संघ की कार्यकारी शाखा और वैक्सीन निर्माताओं के बीच सुरक्षित कोविड-19 वैक्सीन अनुबंधों तक पूर्ण पहुंच देने से इनकार कर दिया था। इस मामले में यूरोपीय संसद के सांसदों ने यूरोपीय आयोग पर पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाया था।
चुनावी माहौल और संभावित प्रभाव
इस फैसले का असर यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के फिर से चुनाव पर पड़ सकता है। उर्सुला वॉन डेर लेयेन के नेतृत्व में आयोग ने वैक्सीन समझौतों को सुरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अब अदालत की टिप्पणी के बाद उनके खिलाफ पारदर्शिता की कमी का आरोप लग सकता है, जो उनके चुनावी अभियान को प्रभावित कर सकता है।
यह भी पढ़ें:
- इमरजेंसी के बाद कंगना की अगली बड़ी फिल्म! ‘भारत भाग्य विधाता’ में दिखेंगी गुमनाम नायकों की दिल छू लेने वाली कहानी
- महिला सुरक्षा पर बड़ा कदम! पश्चिम बंगाल की ममता सरकार लाएगी सख्त दुष्कर्म विरोधी विधेयक
- कन्नौज कांड में बड़ा खुलासा: नीलू यादव पर 25 हजार रुपये का इनाम; पीड़िता की बुआ के खाते में ट्रांसफर किए 4 लाख रुपये
- UP: खूनी भेड़ियों का आतंक—स्पेशल टास्क फोर्स, ड्रोन और ट्रैप कैमरे भी नाकाम; जानिए हमलों की असली वजह
- विस्तारा पर ‘धार्मिक भोजन’ का विवाद: जानिए सोशल मीडिया पर क्यों मचा बवाल
- गुजरात में बाढ़ का कहर: 19 की मौत, सेना तैनात; मौसम विभाग ने जारी किया 14 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट