नई दिल्ली। टी20 विश्व कप का फाइनल भारतीय टीम के लिए बेहद खास होने जा रहा है। इस मुकाबले में टीम के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ आखिरी बार टीम के साथ मैदान पर उतरेंगे। बारबाडोस में होने वाले इस मुकाबले में भारत का सामना दक्षिण अफ्रीका से होगा। यह मैच सिर्फ एक फाइनल नहीं, बल्कि द्रविड़ के कोचिंग करियर का आखिरी अध्याय भी है।
राहुल द्रविड़ के लिए विश्व कप जीतना व्यक्तिगत गौरव का क्षण नहीं होगा। उनके लिए यह टीम की उपलब्धि है। द्रविड़ का कहना है कि अगर भारत विश्व चैंपियन बनता है, तो यह टीम के सामूहिक प्रयास और रोहित शर्मा की प्रेरणादायी कप्तानी का परिणाम होगा।
द्रविड़ का करार हुआ समाप्त
राहुल द्रविड़ का करार पिछले नवंबर में वनडे विश्व कप के बाद ही खत्म हो गया था। लेकिन टीम प्रबंधन ने उनसे टी20 विश्व कप तक टीम के साथ बने रहने का अनुरोध किया था। इस विश्व कप के ब्रॉडकास्टर द्वारा सोशल मीडिया पर ‘डूइटफोरद्रविड़’ (द्रविड़ के लिए करो) का अभियान चलाया जा रहा है, जिसे क्रिकेट जगत और प्रशंसकों का भरपूर समर्थन मिल रहा है। लेकिन 51 वर्षीय द्रविड़ इस खिताब को किसी व्यक्ति के लिए नहीं, बल्कि टीम के लिए जीतना चाहते हैं।
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‘किसके लिए जीतना चाहते है?’
द्रविड़ ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि “मैं बस अच्छा क्रिकेट खेलना चाहता हूं। मैं इस बात के एकदम खिलाफ हूं कि टीम को इसे किसी व्यक्ति विशेष के लिए करना चाहिए। औऱ न ही मैं इसके बारे में किसी तरह की बात या चर्चा करना चाहता हूं। मुझे एक उदाहरण बहुत पसंद है जिसमें एक व्यक्ति किसी दूसरे से पूछता है कि ‘आखिर आप माउंट एवरेस्ट पर क्यों चढ़ना चाहते हैं?’ और वो व्यक्ति जवाब देता है कि ‘मैं माउंट एवरेस्ट पर इसलिए चढ़ना चाहता हूं क्योंकि वह वहीं है।’ ठीक वैसे ही मैं ये वर्ल्ड कप इसलिए जीतना चाहता हूं क्योंकि यह वहां है। यह किसी व्यक्ति विशेष के लिए नहीं है, यह सिर्फ जीतने के लिए है।”
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द्रविड़ का शांतचित स्वभाव
2011 में इंग्लैंड दौरे पर शानदार प्रदर्शन करने वाले द्रविड़, इस समय भारतीय टीम के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी थे। कई लोग मानते थे कि वह उस दौरे के बाद संन्यास ले लेंगे। लेकिन उन्होंने अपना ध्यान साल के आखिर में होने वाले ऑस्ट्रेलिया दौरे पर केंद्रित रखा। एक बार फिर 12 साल बाद, द्रविड़ उसी तरह की स्थिति में खड़े हैं। क्या अगर भारतीय टीम केंसिंग्टन ओवल में इस
वर्ल्ड कप को जीतती है, तो इसका श्रेय रोहित शर्मा और इंडिया टीम के खिलाड़ियों के साथ साथ राहुल द्रविड़ को भी जाएगा? या चाहे टीम जीते या हारे, द्रविड़ हमेशा की तरह शांतचित रहेंगे, जैसे वह खिलाड़ी के तौर पर हमेशा रहते थे।
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