Ad image

रितिका हुड्डा: क्वार्टर फाइनल में हार के बाद भी कांस्य पदक की उम्मीद, कुश्ती के कठोर नियमों ने किया निराश

News Desk
3 Min Read
रितिका हुड्डा: क्वार्टर फाइनल में हार के बाद भी कांस्य पदक की उम्मीद, कुश्ती के कठोर नियमों ने किया निराश

नई दिल्ली। भारतीय पहलवान रितिका हुड्डा, जिन्होंने पेरिस ओलंपिक में अपने पहले ही प्रयास में क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय किया, को 76 किग्रा वर्ग में किर्गिस्तान की अयापेरी किजी के खिलाफ कड़े मुकाबले के बाद हार का सामना करना पड़ा। 21 वर्षीय रितिका ने अपने पहले ओलंपिक में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए शीर्ष वरीयता प्राप्त पहलवान को कड़ी टक्कर दी। शुरुआती पीरियड में उन्होंने पैसिविटी से एक अंक की बढ़त भी हासिल की, लेकिन दूसरे पीरियड में पैसिविटी के कारण ही उन्हें एक अंक गंवाना पड़ा। स्कोर 1-1 से बराबर रहने के बावजूद, अंतिम अंक बनाने के कारण अयापेरी को विजेता घोषित किया गया।

रेपेचेज में कांस्य की उम्मीद

हालांकि, रितिका ने अपनी अदम्य जज्बे और संघर्ष से दिल जीत लिया। अब उनके पास रेपेचेज के माध्यम से कांस्य पदक जीतने का एक और मौका है, बशर्ते किर्गिस्तान की पहलवान फाइनल में पहुंच जाए। इससे पहले, रितिका ने तकनीकी श्रेष्ठता के साथ हंगरी की बर्नाडेट नैगी को 12-2 से हराकर क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई थी।

भारतीय नौसेना में अफसर हैं रितिका

रितिका हुड्डा का जन्म हरियाणा के रोहतक जिले के खड़कड़ा गांव में हुआ था। वह भारतीय नौसेना में चीफ पैटी अफसर के पद पर तैनात हैं। रितिका का पेशेवर करियर भले ही लंबा नहीं रहा हो, लेकिन उन्होंने 2022 विश्व जूनियर चैंपियनशिप में 72 किलो वर्ग में कांस्य पदक और 2023 में अंडर 23 विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर खुद को साबित किया। इसके अलावा, 2024 में एशियन चैंपियनशिप में भी उन्होंने 72 किलो वर्ग में कांस्य पदक अपने नाम किया।

परिवार का साथ और रितिका का संघर्ष

रितिका का सपना हमेशा से ओलंपिक में भारत के लिए पदक जीतने का था। उनकी माता-पिता ने भी इस सपने को पूरा करने के लिए हरसंभव समर्थन किया, भले ही परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। रितिका ने हांगझोऊ एशियाई खेल और बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों के लिए क्वालिफाई नहीं कर पाने के कारण निराशा में कुश्ती छोड़ने का निर्णय लिया था। लेकिन उनके माता-पिता ने उन्हें निराशा से उबरने और संघर्ष जारी रखने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद, रितिका ने कठिन परिश्रम कर पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालिफाई किया और अब वह देश का नाम रोशन कर रही हैं।

यह भी पढ़ें:

Share This Article
Follow:
Welcome to The News Break! हम दुनिया भर से नवीनतम सुर्खियों, ब्रेकिंग न्यूज और गहन विश्लेषण के लिए आपके जाने-माने स्रोत हैं। हमारा मिशन आपको सबसे महत्वपूर्ण कहानियों से अवगत, संलग्न और जुड़े रखना है।
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version