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Agnikul cosmos: 3 महीने में चौथी बार रद्द अग्निबाण मिशन, 2 मिनट तक चलने की थी उम्मीद

रिया शाह
3 Min Read

भारत की अग्निकुल कॉसमॉस (Agnikul cosmos ) ने चौथी बार अग्निबाण  को लॉन्चिंग से पहले रद्द कर दिया । यह लॉन्च पैड श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (ISRO) में लॉन्च किया जाने वाला था , लेकिन तकनीकी खराबियों के कारण इसे रोकना पड़ा। भारत की  किसी निजी कंपनी द्वारा दूसरी बार  ऐसा रॉकेट लॉन्च किया जा रहा था। यह पहला ऐसा रॉकेट था जो कि तरल और गैस के मिश्रण वाले ईंधन से चल रहा था। स्काईरूट कंपनी पहली ऐसी निजी कंपनी थी जिसने इसरो के लॉन्च पैड से रॉकेट लॉन्च किया था।

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निजी कंपनी Agnikul cosmos द्वारा लांच किया जाने वाला अग्निबाण (source:-Moneycontrol)

Agnikul cosmos के अधिकारियों का कहना है कि नये लॉन्चिंग का समय आज 9:45 तय किया गया है।पिछले 3 महीनों में चौथी बार इसे रद्द कर दिया गया है। लॉन्चिंग का समय आज मंगलवार सुबह 5:45 (IST) था। लेकिन लॉन्चिंग के समय कुछ तकनीकी गड़बड़ी आ गई। ऐसा कहा जा रहा है कि काउंटिंग करते समय 6 मिनट की देरी हो गई थी ।ऐसे में लॉन्चिंग को रोकना पड़ा ।एक बार तो इसे लॉन्च के 90 सेकंड पहले ही रद्द कर दिया गया था।

Agnikul ने किया सेमीक्रायोनिक इंजन का इस्तेमाल

अगर यह मिशन सक्सेसफुल हो जाता तो भारत एक नया मुकाम हासिल करता ।इस मिशन में सेमी- क्रायोनिक इंजन और 3-D पार्ट्स का टेस्ट किया गया था। ऐसा पहली बार होता कि किसी निजी कंपनी द्वारा तरल और गैस के मिश्रण वाले ईंधन वाला रॉकेट लॉन्च किया गया है, जिसमें सेमी- क्रायोनिक इंजन है। अभी तक ISRO( Indian Space Research Organisation ) ने भी यह ऐसा कोई मिशन लॉन्च नहीं किया है। इस मिशन के 2 मिनट तक चलने की उम्मीद थी।

Agnikul cosmos द्वारा अग्निबाण का निर्माण
source :-NDTV

अग्निकुल कॉसमॉस (Agnikul cosmos) भारत की एक निजी कंपनी है। यह कंपनी एयरोस्पेस निर्माता कंपनी है जो कि आईआईटी मद्रास, चेन्नई और राष्ट्रीय दहन अनुसंधान एवं विकास केंद्र में है। इसका उद्देश्य है कि यह अग्निबाण जैसे छोटे लिफ्ट व्हीकल को लॉन्च करे। यह startup कंपनी 2017 में  स्थापित किया गया था।

Agnikul cosmos कंपनी ने बताया कि अग्निबाण रॉकेट एक कस्टमाइज़ेबल, 2-स्टेज लॉन्च व्हीकल है जो 300 किलोग्राम (लगभग 660 पाउंड) तक का पेलोड लगभग 700 किलोमीटर की ऊँचाई (435 मील) की कक्षाओं में ले जा सकता है। SpaceX का फॉल्कन 63500 किलोग्राम का प्लॉट पृथ्वी के निचले ऑर्बिटल तक ले जा सकता है।



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