फर्टिलिटी रेट (Fertility rate ) का मतलब होता है कि-
एक महिला द्वारा उसके जीवनकाल में पैदा होने वाले बच्चों की औसत संख्या । यह औसत 15 से 49 वर्ष के ‘बीच की महिलाओं का प्रति 1000 की जनसंख्या के आधार पर निकालते हैं।’
![fertility rate of muslim population It shows the rate of total fertility since 1950 till now. NFHS report shows this data. This data is released by The ministry. of Health and Family welfare.](https://thenewsbrk.com/wp-content/uploads/2024/05/images.png)
भारत में मुसलमान आबादी 172 मिलियन है ।यह आंकड़े 2011 की जनगणना के अनुसार हैं ।ऐसा माना जा रहा है कि 2024 तक यह आंकड़ें 204 मिलियन तक पहुंच जाएँगे। ऐसे में पिछले महीने पीएम नरेंद्र मोदी ने मुस्लिम जनसंख्या का जिक्र करते हुए कहा था कि मुस्लिम आबादी के बच्चों की जनसंख्या भारत में अधिक है। किसी भी देश की जनसंख्या उसके फर्टिलिटी रेट पर निर्भर करती है ।ऐसे में पीएम का यह बयान कितना सच है चलिए जानते हैं आंकड़ों से।
![क्या है फर्टिलिटी रेट? NHFS-5 की क्या है रिपोर्ट ? क्यों है मुस्लिम आबादी में रेट ज्यादा? 1 images 3](https://thenewsbrk.com/wp-content/uploads/2024/05/images-3-499x600.webp)
NFHS की रिपोर्ट
![क्या है फर्टिलिटी रेट? NHFS-5 की क्या है रिपोर्ट ? क्यों है मुस्लिम आबादी में रेट ज्यादा? 2 The fertility rate of Muslim was 2.1 which was 2.36 in 2015.](https://thenewsbrk.com/wp-content/uploads/2024/05/PF_09.21_India_Demography_0.0-300x141.png)
NFHS -5(नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे) (2019 -21) के अनुसार मुस्लिम आबादी की प्रजनन दर 2015 में 2.36 थी। जबकि सामान्य प्रजनन दर 2.1 होनी चाहिए । अगर प्रजनन अंदर 2.1 है तो इसका मतलब होता है कि जनसंख्या स्टेबल है।
इस महीने की आर्थिक सलाहकार परिषद द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार संपूर्ण आबादी में मुस्लिम आबादी के प्रतिशत 1950 से लेकर 2015 तक 43.2 % बढ़ा है। जबकि हिंदुओं का यह प्रतिशत 7.82% कम हुआ है ।
मुस्लिम आबादी में फर्टिलिटी रेट ज्यादा होने के कारण
Chart 1
![क्या है फर्टिलिटी रेट? NHFS-5 की क्या है रिपोर्ट ? क्यों है मुस्लिम आबादी में रेट ज्यादा? 3 20240522 165929 1](https://thenewsbrk.com/wp-content/uploads/2024/05/20240522_165929-1-568x600.webp)
चार्ट 1 वह महिलाएं जिनकी उम्र 20 से 24 वर्ष की हैं। उनकी शादी जल्दी ही हो गई है। वहां पर फर्टिलिटी रेट बहुत ज्यादा है। उनकी उम्र के अनुसार मुस्लिम महिलाओं में fertility rate क्षेत्र के आधार पर दिखाई देती है ।यदि क्षेत्र में डेवलपमेंट कम है तो प्रजनन दर ज्यादा होगा। यदि क्षेत्र विकसित है तो fertility rate कम होगा। जैसा कि आप देख सकते हैं कि हरियाणा का फर्टिलिटी रेट 3.9 है जबकि बिहार का 3.6 ।वहीं दूसरी और महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे विकसित देशों का फर्टिलिटी रेट 2.0 और 1.8 है ।
Chart 2
![क्या है फर्टिलिटी रेट? NHFS-5 की क्या है रिपोर्ट ? क्यों है मुस्लिम आबादी में रेट ज्यादा? 4 20240522 165923 1](https://thenewsbrk.com/wp-content/uploads/2024/05/20240522_165923-1-572x600.webp)
चार्ट 2 में महिलाओं की प्रजनन दर में trend line नीचे की ओर जा रही है । यह दिखाती है कि प्रजनन दर other राज्यों में कम है। जहां महिलाएं शिक्षित है वहां पर यह रेट बहुत ही कम है उन राज्यों के मुकाबले जहां महिलाएं शिक्षित नहीं हैं।
Chart 3
![क्या है फर्टिलिटी रेट? NHFS-5 की क्या है रिपोर्ट ? क्यों है मुस्लिम आबादी में रेट ज्यादा? 5 20240522 182218](https://thenewsbrk.com/wp-content/uploads/2024/05/20240522_182218-800x508.webp)
source The Hindu
चार्ट 3 में परिवार नियोजन के बारे में जागरूकता एक बड़ी चिंता है।
NFHS– 5 की रिपोर्ट के अनुसार 25% हिंदु महिलाओं का कहना है कि उन्होंने कभी भी इसके बारे में रेडियो टीवी या मैगजीन से नहीं सुना। वहीं मुस्लिम महिलाओं का यह प्रतिशत 30% है। उन महिलाओं का जिक्र है जो कि फैमिली प्लानिंग के मैथड के बारे में तो जानती हैं परंतु उन्हें यह संसाधन नहीं मिल पाते ।
दूसरे देशों के फर्टिलिटी रेट
दुनिया में सबसे कम फर्टिलिटी रेट पूर्वी देशों में पाए जाते हैं। सबसे कम फर्टिलिटी वाला देश साउथ कोरिया है ।इसकी फर्टिलिटी रेट 0.9 है। दुनिया में सबसे ज्यादा फर्टिलिटी वाला देश African देश हैं। इनमें नाइजीरिया(6.8) टॉप पर है और इसके बाद सोमालिया (6.0),रिपब्लिकन कांगो (5.8)और माली(5.8) देश आते हैं।
फर्टिलिटी रेट को कम करने के उपाय
सरकारी आंकड़े दर्शाते हैं की फर्टिलिटी रेट को कम करने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए
- लड़कियों को शिक्षा देना
- उनकी जल्दी शादी न करना
- परिवार नियोजन के तरीकों के बारे में लोगों को जागरूक करना
- परिवार नियोजन के लिए कांट्रेसेप्टिव मैथड का उपयोग करना
फर्टिलिटी रेट का किसी धर्म विशेष से कोई लेना देना नहीं है ।बल्कि इसका डेवलपमेंट से लेना देना है ।यदि महिलाओं को शिक्षा मिले तो वह जागरूक होंगी । यह आंकड़े दिखाते हैं कि सरकार को भी और प्रयास करने की जरूरत है।
Open Ai’s GPT4o
- ऐसा मंदिर जहां अग्निरूप में दर्शन देते है भोलेनाथ, पौराणिक रहस्य जानकर हो जाएंगे हैरान
- नीट मुद्दे पर संसद में हंगामा: विपक्ष ने सरकार को घेरा, खरगे के तंज पर सभापति धनखड़ भी मुस्कुरा उठे
- भारतीय क्रिकेट में बड़ा बदलाव: नए कोच और कप्तान पर जय शाह का बड़ा बयान
- NIA ने इंजीनियर राशिद को एमपी के तौर पर शपथ देने की अनुमति, 5 जुलाई को ले सकते हैं शपथ
- संसद सत्र: राहुल गांधी को ओम बिरला का करारा जवाब ‘माइक बंद करने का कोई स्विच नहीं!’
Leave a Reply